Sade Sati Upaya शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना एक सिद्ध शनि उपाय माना गया है। जानिए इसके चमत्कारी फायदे और सही विधि। शनि की दशा या साढ़ेसाती का प्रभाव जब जीवन में बाधाएं, रोग, मानसिक तनाव और धन हानि देने लगे
तो एक बहुत ही सरल, लेकिन अत्यंत प्रभावशाली उपाय है:
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना। यह उपाय सदियों से आजमाया गया है और शास्त्रों में भी इसे सिद्ध उपाय माना गया है।

Sade Sati Upaya क्यों करें पीपल की पूजा?
पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु, शिव और शनिदेव तीनों का वास माना गया है।
शनिदेव स्वयं भी इस वृक्ष से अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।
यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और आध्यात्मिक संतुलन बनाता है।
शनिवार को पीपल की पूजा और दीपक जलाने के लाभ:
1. शनि दोष से मुक्ति:
पीपल की पूजा शनि की दृष्टि को शांत करती है।
2. कुंडली में साढ़ेसाती या ढैय्या के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
3. पूर्व जन्म के कर्मों से मिलने वाले कष्ट कम होते हैं।
4. मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
5. जीवन में चल रही रुकावटें दूर होती हैं।
पूजा की विधि (Step-by-Step):
- शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- पीपल के पेड़ के नीचे जाएं (यदि पास में मंदिर है तो वहाँ)।
- पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं।
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं — दीपक को पेड़ के नीचे रखें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें।
महत्वपूर्ण सुझाव:
- किसी भी प्रकार की कामना लेकर नहीं जाएं — सिर्फ भाव से पूजा करें।
- पूजा के बाद पीछे मुड़कर न देखें।
- अगर संभव हो तो काले तिल या उड़द दाल का भी दान करें।
Disclaimer:
यह लेख धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। यह किसी प्रकार की चिकित्सा या कानूनी सलाह का विकल्प नहीं है। उपाय करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना श्रेयस्कर होगा।
निष्कर्ष:
शनिवार को पीपल की पूजा करना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक सिद्ध आध्यात्मिक उपाय है।
इससे न केवल शनि दोष शांत होता है, बल्कि जीवन में स्थिरता, शांति और ऊर्जा का संचार होता है।
आज से ही इस सरल उपाय को अपनाएं, और शनिदेव की कृपा से अपने जीवन को सकारात्मकता से भर दें।



